The Fact About सफेद मूसली के लाभ That No One Is Suggesting

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जमीन से कंद उखाड़ने पर उनके साथ मिट्टी आदि लगी रहती है अत: छीलने से पूर्व उन्हें धोया जाना आवश्यक होता है। इस संदर्भ में उखाड़े हुए कंदों की टोकरियों को पानी के बहाव के नीचे रखकर कंदों की धुलाई की जा सकती है। इसके उपरांत धुले हुए कंदोंकी छिलाई की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।

एक शोधकर्ता ने पुष्टि की हैं कि सुरक्षित मुसली के परिणामस्वरूप वीर्य की मात्रा, शुक्राणुओं की संख्या, शुक्राणु गतिशीलता और प्रतिशत सामान्य शुक्राणु आकृति विज्ञान में सांख्यिकीय वृद्धि हुई हैं। पौधे का पानी का अर्क सेवन के लिए अत्यधिक सुरक्षित साबित हुआ और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर के साथ शुक्राणुओं की गिनती में सुधार करने में मदद करता हैं। अध्ययन से यह भी पता चला हैं कि सकारात्मक प्रभावों के साथ, सेफेड मुसली कोई प्रतिकूल प्रभाव पैदा नहीं करता हैं, और परीक्षण रन लोगों के लिए स्वस्थ हैं।

आर्टिकल में सबसे पहले हम बता रहे हैं कि सफेद मूसली क्या है।

क्या बीजो से भी मूसली की बिजाई की जा सकती है ?

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स्रोत- बिहार राज्य बागवानी मिशन, बिहार सरकार

सफ़ेद मूसली की खेती की जाने वाले राज्यों में शामिल है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व वेस्ट बंगाल।

अगर रोगी रात में उत्सर्जन के बाद कमजोरी, पीठ दर्द और शक्ति या ऊर्जा की कमी महसूस करता है, तो शक्कर के साथ सफ़ेद मूसा पाउडर का कुछ हफ्तों तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह उपाय रात के उत्सर्जन की आवृत्ति कम करने और शरीर को पुनर्जन्म करने में मदद करता है।

यह नपुंसकता को दूर करती है और वीर्य का उत्पादन कर वीर्य की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होती है। एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक को गाय के दूध में मिलाकर दिन में २ बार पीना चाहिए। नपुंसकता का खतरा खत्म हो जाता है।

भारत जैसे देश में बांझपन औरत या पुरुष के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। इस वजह से सफेद मूसली का इस्तेमाल इस समस्या सफेद मूसली के लाभ को दूर करने के लिए किया जाता है। सफेद मूसली का सेवन करने से बांझपन या फिर यौन विकार जैसी समस्याएं जड़ से खत्म हो जाती हैं और गर्भ धारण करने में मदद मिलती है।

वैसे तो सफेद मूसली खाने के कई सारे तरीके हैं। यह बाजार में कैप्सूल में भी उपलब्ध है। इसके अलावा दूध या शहद के साथ मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आप डॉक्टर द्वारा सुझाए गए विधि से भी मूसली का सेवन कर सकते हैं। यह एक बेहद ही उपकारी औषधी है। बशर्ते इसका सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। इसे बॉडीबिल्डिंग करने वाले लोग भी लेना पसंद करते हैं। लेकिन इस मामले में भी आपको बता दें कि ज्यादा मात्रा में मूसली का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। तो बेहतर है कि किसी भी हालत में अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

हां, सफेद मूसली और शहद दोनों को एक साथ ले सकते हैं।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफेद मूसली का उपयोग ऐसे करें!

सफ़ेद मूसली में एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-तनाव प्रभाव हैं। यह तनाव, चिंता, कम टेस्टोस्टेरोन स्तर, शुक्राणु विकार और सामान्य कमजोरी से संबंधित पुरुष यौन समस्याओं में फायदेमंद है। चूंकि इसमें ऊर्जा बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एडेप्जन और प्रभाव है, यह ईडी, को कम करती है और पीई, समयपूर्व स्खलन की समस्या में सुधार करती है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह हर्बल और गैर-हार्मोनल रीस्टोरटिव टॉनिक है।

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